कुशल नेतृत्व से आगे बढ़ता देश

कश्मीर में अनुछेद 370 की समापति के साथ वहां शांति कायम करना और अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण इन दो बड़ी चुनौतियों से निपटने में वर्तमान नेतृत्व सक्षम साबित हुआ है।

इस अगस्त 2023 में हम अपनी आजादी की 76वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। भारत अब आंतरिक और बाह्य दोनों रूप से मजबूत राष्ट्र बन चुका है। यह हमारे वर्तमान नेतृत्व द्वारा दिखाए गए दृढ़ संकल्प और दूरदर्शिता से संभव हुआ है। अपने ऐतिहासिक महत्व के अलावा अभी पिछले वर्षों में मोदी जी के नेतृत्व में एवं श्री अमित शाह जी के कुशल मार्गदर्शन में अगस्त महीने में किए गए महत्वपूर्ण कार्य देश की आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा के लिए मील के पत्थर साबित हो रहे हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि हमारा देश इस महीने का बेसब्री से इंतजार करता है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हमेशा राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए मजबूत राष्ट्रवाद के लिए खड़ी रही है। चाहे वैश्विक कूटनीति हो, बाह्य या आंतरिक सुरक्षा हो, या आर्थिक प्रबंधन हो हमारी प्राथमिकता हमेशा राष्ट्रहित रहा है। मोदी सरकार की प्रमुख सफलताओं मे से एक, घरेलू शांति और स्थिरता की स्थापना और आतंकवाद के संकट को जड़ से खत्म करना है और देश के गृह मंत्री के रुप में अमित शाह जी प्रधानमंत्री के लिए सक्षम सहयोगी साबित हुए हैं। घरेलू समस्याओं पर उनका कड़ा रुख जो भारत की आंतरिक सुरक्षा को प्रभावित कर रहे थे, जिससे देश में लगातार अनिश्चितताएं और संप्रदायिक तनाव पैदा हो रहे थे, और जो भाजपा के मूल एजेंडे में थे, वे अनुकरणीय रहे हैं।

आजादी के बाद कई दशकों तक संसद कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग मानते हुए अनुच्छेद 370 को खत्म करने का संकल्प लेती रही है, लेकिन वहां की जमीनी हकीकत निराश और हताश करने वाली थी, यहां आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा था। पाकिस्तान चिल्ला रहा था कि वह भारत को हजार घाव देकर इसकी अखंडता को क्षत्-विक्षत कर देगा, प्रदेश की युवा निराश होकर पथराव कर रहे थे। भारत का नेतृत्व इस बात को जानता तो था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अनुच्छेद 370 को हटाना आवश्यक है, और यहीं सही कदम होगा लेकिन उसमें साहस और दृढ़ संकल्प की कमी थी। ऐसी धारणा बनी हुई थी कि अगर अनुच्छेद 370 हटा दिया गया तो इस क्षेत्र में रक्तपात हो जाएगा और अनुच्छेद 370 को हटाना असंभव लग रहा था, यहां तक कि इसे कमजोर करने का प्रयास भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की आलोचना का कारण बन जाता था। धारा 370 को हटाने का कार्य जिस निपुणता के साथ किया गया वह अभूतपूर्व था। 5 अगस्त 2019 के पूर्व एवं बाद में जिस सुचारुता से संपूर्ण स्थिति से निपटा गया; भले वह सीमा के पार से होने वाली झड़पे हों, अंतरराष्ट्रीय परिपेक्ष में कश्मीर के मुद्दे पर भारत के पक्ष की स्वीकार्यता हो, या जमीनी स्तर पर कानून व्यवस्था हो, यह एक राजनेता की दृढ इच्छाशक्ति को दिखाता है।

यह भाजपा और देशवासियों के लिए एक सपने के साकार होने जैसा था। हालाकि मातृभूमि की अखंडता को बनाए रखने से अधिक बहुमूल्य कुछ भी नहीं है लेकिन यह जानकर बेहद संतुष्टि होती है कि हमने इस उद्देश्य को बिना किसी बड़ी क्षति के साथ हासिल किया। आज जम्मू कश्मीर में अमन-चैन है और वह आर्थिक विकास के पथ पर है। प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता और गृह मंत्री की कुशलता ने काम को सुचारू रूप से कर दिया।

राम मंदिर एक और महत्वपूर्ण मुद्दा है। ऐतिहासिक रूप से भारत में सदियों से बहुसंख्यक हिंदुओं द्वारा अयोध्या में भव्य राम मंदिर की मांग और उससे उत्पन्न संघर्ष से सांप्रदायिक तनाव बना रहता था। मंदिर का संबंध हिंदुओं की अस्मिता और स्वाभिमान से जुड़ा है। राम मंदिर के लिए हिंदुओं का संघर्ष और अन्य समुदाय द्वारा इसके विरोध के कारण देश में कई दंगे हुए और लाखों लोगों की जान चली गई। देश में सभी ने यह उम्मीद खो दी थी कि इस मुद्दे का हल निकाला जा सकता है, और यह मानसिकता बन गई थी कि आने वाली सदियों तक हमारे राष्ट्र जीवन में यही दुखदायी स्थिति बनी रहेगी। हम सभी ने अयोध्या में एक भव्य मंदिर का सपना देखा था जिसके पूरा होने की उम्मीद कम होती जा रही थी। न्यायालय के अंदर और बाहर की प्रक्रिया हो या सुप्रीम कोर्ट के मंदिर के पक्ष में आदेश से पहले और बाद में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी, जिस निपुणता से निभाई गई, यह प्रमाण है कि किसी उद्देश्य के प्रति दूरदर्शी सोच एवं प्रतिबद्धता एक दुर्लभ गुण है लेकिन एक बार यह नेतृत्व में आ जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी जी‌ और गृह मंत्री अमित

शाह जी ने वह राजनीतिक कौशल अपने कार्यों में के प्रति दिखाया है। देश में कहीं कोई विशेष सांप्रदायिक तनाव नहीं हुआ। राम मंदिर के लिए भूमि पूजन 5 अगस्त 2020 को किया गया था और अब हर गुजरते दिन के साथ अयोध्या में भव्य राम मंदिर हकीकत में तब्दील होता जा रहा है।

मैं ऐसे कई उदाहरणों के बारे में बात कर सकता हूं, लेकिन मैं तीन तलाक के मुद्दे तक सीमित रहूंगा। तीन तलाक की कुप्रथा मुस्लिम महिलाओं के अस्तित्व के लिए अभिशाप है। वे दशकों से अल्पसंख्यक तुष्टीकरण और छद्म धर्मनिरपेक्षता की राजनीति की शिकार थी। कांग्रेश के वोट बैंक की राजनीति इस हद तक आगे बढ़ गई थी कि महिलाओं की सामाजिक समानता एवं उनका सशक्तिकरण और हमारे संविधान के अंतर्गत निर्देशित समानता को स्पष्ट रूप से नजरअंदाज कर दिया गया। संसद में भारी बहुमत के साथ सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक को पलट दिया गया, जैसा कि शाह बानो मामले में हुआ था। 1 अगस्त 2019 को पारित विधेयक के माध्यम से तीन तलाक को अवैध बनाए जाने से भारत की मुश्किल महिलाएं सशक्त हुई हैं।

भारत वास्तव में एक मजबूत राष्ट्र के रूप में उभर रहा है। अब भारत एक शांतिपूर्ण और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सशक्त राष्ट्र है, जिसके कई विवादास्पद मुद्दे सुलझ गए हैं; अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भारत के विचारों को विश्व मंच पर सम्मान के साथ माना जाता है, एक मजबूत राष्ट्र के रुप में हमारी छवि अब अच्छी तरह स्थापित हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी जी एवं श्री अमित शाह जी की सक्षम कार्यशीलता भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। देश आशान्वित है कि यह गतिशील जोड़ी एक विकासशील राष्ट्र के रूप में हमारे सामने आने वाली दुर्गम चुनौतियों को सफलतापूर्वक काबू कर के हमें सदा सुखद आश्चर्य देती रहेगी।

गोपाल कृष्ण अग्रवाल

राष्ट्रीय प्रवक्ता भाजपा

A peaceful India free of disturbances is taking the global centre stage

By Gopal Krishna Agarwal,

This August, we are celebrating the 76th year of our Independence. India now is a much stronger nation, internally as well as externally. This has been possible due to the determination and vision shown by our current leadership.

Apart from its historical import, the month of August has acquired additional significance due to some major milestones accomplished in the recent past, during this month.

The Bharatiya Janata Party (BJP) has always stood for strong nationalism and keeping national interest above all other considerations. The focus on India First, whether it is in global diplomacy, external and internal security, or economic management, is undiluted. One of the key successes of the government has been the establishment of domestic peace, stability and the elimination of the scourge of terrorism. Home minister Amit Shah has strongly dealt with issues at home – at the core of the BJP’s agenda which bogged down India’s internal security and caused continuous uncertainties and communal tensions in the country.

For decades since Independence, Parliament has been reiterating that Jammu and Kashmir is an integral part of India, but the region continued to be disturbed on the ground, fostering and breeding terrorism.

Pakistan was bent on bleeding India through a thousand cuts. The young were disenchanted and resorted to pelting stones. The Indian leadership knew that removing Article 370 was the right step to ensure national security, but lacked the courage and conviction. The narrative was that once Article 370 is removed, there will be bloodshed in the region, and even attempting to dilute it would invite international backlash.

The way the nullification of Article 370 was handled with surgical precision was unprecedented. On August 5, 2019, the smoothness of the handling of the whole situation involved dealing with cross-border skirmishes and international perspectives through determined operations on the ground. Though no cost is high enough to be paid to maintain the territorial integrity of our motherland, it was deeply satisfying to note that the objective was achieved with little loss of life or damage to public property. Today, there is peace and tranquillity in Jammu and Kashmir and it is on the path of economic development. The PM’s vision and home minister’s acumen accomplished the task.

The Ram temple in Ayodhya was another contentious issue. History tells us that the communal tension in India had its genesis in the demand by Hindus of a grand Ram at Ayodhya. The temple was related to the Asmita and Swabhiman (self respect) of Hindus. This issue led to several riots and the loss of lives. We all dreamt of a grand temple at Ayodhya, with little hope of it being fulfilled. But the adroitness in maintaining law and order before and after the 2019 Ram Janam bhoomi verdict by the Supreme Court underlined the visionary commitment to a cause. Despite the sensitivity of the issue, there were no riots or tension anywhere in the country.

Bhumi pujan (groundbreaking ceremony) for the Ram Mandir” was held on August 5, 2020, and now the grand temple is turning into a reality. There are many such instances, but I will not go beyond the issue of triple talaq. The practice of triple talaq is the bane of Muslim women as they were the primary victims of the politics of appeasement. The vote bank of previous governments went to such of previous governments went to such an extent that gender equality, women  empowerment, and equality before the law as enshrined under our Constitution, were blatantly ignored and the apex court’s decisions g were reversed through a brute majority in Parliament, as seen in the Shah Bano case in 1985. With triple talaq made illegal in August 2019, India’s Muslim women have been empowered. India is truly coming of age as a strong nation. India is now peaceful, free of disturbances, with many of the contentious issues settled, and whose point of view on global issues is being considered with respect. Our image as a strong and no-nonsense nation is now well established. PM Modi, with the able assistance of Shah, is taking India to newer heights.

Gopal Krishna Agarwal is national spokesperson of the BJP